नईदिल्ली। बाबा अंबेडकर दलित नहीं थे, वो सनाड्य ब्राह्मण थे। वो पंडित दीनदयाल उपाध्याय से प्रेरित थे, उन्होंने लोगों को उपर उठाने का काम किया, इसलिए उन्होंने संविधान लिखा। उनका नाम अंबेडकर नहीं था उनका नाम था भीमराव, लेकिन अब उन्हें बाबा साहब अंबेडकर कहा जाता है। उत्तरप्रदेश के पीलीभीत में ब्राहमण चेतना मंच के कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व राज्यसभा सांसद शिव प्रताप शुक्ल ने अपने संबोधन में कहा।
उन्होंने बसपा का नाम लिए बिना निशाना साधते हुए कहा कि इस देश में ब्राह्मणों ने इतिहास रचा था, लेकिन आज यहां अम्बेडकर के नाम पर राजनीति होती है। जरा भी कुछ हो जाता है तो दंगे शुरू हो जाते हैं।
लेकिन अंबेडकर का नाम भीमराव न कहकर बाबा साहब अंबेडकर कहने वाले लोगों से पूछना चाहता हूं कि भीमराव को उनकी प्राथमिक शिक्षा दिलाने का काम किसने किया था, उन्हें यूरोप में शिक्षा दिलाने का काम किसने किया था। भीमराव अपने नाम के आगे अंबेडकर की उपाधि लगाए थे, यह उनका नाम नहीं था। वो दीनदयाल उपाध्याय जैसे सैद्धांतिक दृष्टिकोण पर चलने वाले लोगों जैसा था।