नईदिल्ली। गुजरात खनिज विकास निगम की पार्टनरशिपिंग में काम कर रही दक्षिण कोरिया की एक कंपनी ने अपने एक अधिकारी को 'भारत माता की जय' का नारा लगाने के कारण नोटिस थमा दिया है। अधिकारी ने अपना पक्ष रखने की कोशिश भी की परंतु कंपनी प्रबंधकों का कहना है कि इस तरह का नारा किसी भी स्थान पर नहीं लगाया जाना चाहिए। यह गलत है। याद दिला दें कि 'भारत माता की जय' का नारा भारत की संस्कृति में शामिल है। लोग खुशी, दुख या आक्रोश प्रकट करते हुए भी 'भारत माता की जय' का नारा लगा देते हैं। भारत सरकार की ओर से इसके लिए कोई आचार संहिता नहीं है।
दक्षिण कोरिया सरकार का उपक्रम केईपीसीओ प्लांट सर्विस एंड इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड जीएमडीसी संचालित अकरीमोटा थर्मल पावर स्टेशन का परिचालन एवं रखरखाव कर रहा है जो गुजरात के कच्छ जिले के नानी छेर गांव में स्थित है। केईपीसीओ प्लांट सर्विस एंड इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड ने हाल में एक जूनियर इंजीनियर को नोटिस जारी किया था। इस नोटिस में अन्य अनुशासनात्मक मुद्दों के अलावा कंपनी ने उसे एक बार 'भारत माता की जय' का नारा लगाने के लिए भी फटकार लगाई थी।
संयंत्र के महाप्रबंधक एके गर्ग ने कहा कि कंपनी दो महीने पहले आयोजित अपनी एक विभागीय बैठक में अपने सुरक्षात्मक उपायों की समीक्षा कर रही थी। कर्मचारी सुरक्षा संबंधी नारे लगा रहे थे। इसी दौरान दिलीप श्रीमाली नाम के एक कर्मचारी ने 'भारत माता की जय' का नारा लगा दिया। भाषा की समस्या के चलते कोरियाई प्रबंधन नारा समझ नहीं पाया और उन्हें नोटिस जारी कर दिया।
कर्मचारी ने प्रबंधन को नारे को समझाने का प्रयास किया लेकिन प्रबंधन ने 20 जुलाई को उन्हें नोटिस जारी कर दिया। कंपनी ने कहा कि कंपनी का मंच ऐसे नारे लगाने के लिए उचित स्थान नहीं है। प्रबंधन ने कर्मचारी के साथ अन्य अनुशासनात्मक मुद्दे उठाए जिसमें उसके द्वारा मोबाइल फोन पर लगातार बात करना और संयंत्र में कार्य करने के दौरान सुरक्षा उपाय का पालन नहीं करना शामिल था।
गर्ग ने कहा कि कंपनी की कर्मचारी यूनियन ने जीएमडीसी प्रबंधन से सम्पर्क किया जिसने तत्काल एक परिपत्र जारी किया। गर्ग ने कहा कि मामला हमारे समक्ष आने पर हमने तत्काल एक परिपत्र जारी किया। हमने परिपत्र जारी कर दिया है जिसमें कहा है कि कोई भी भारत माता की जय का नारा लगा सकता है। आज यहां तक कि कंपनी प्रबंधन ने भी नारा लगाया और कहा कि वे भारत के प्रति देशभक्ति के उत्साह का सम्मान करते हैं।