भोपाल। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विवि (आरजीपीवी) फिलहाल ऑनलाइन थ्योरी एग्जाम कराने से पीछे हट गया है। माना जा रहा है कि निजी इंजीनियरिंग कॉलेज ऑनलाइन एग्जाम नहीं चाहते थे। इस वजह से वे विवि प्रबंधन पर दबाव बना रहे थे। इसके चलते विवि ने इस प्रक्रिया को स्थगित कर दिया है।
अब दिसंबर में फर्स्ट सेमेस्टर का ऑनलाइन थ्योरी एग्जाम नहीं होगा। विवि प्रैक्टिकल एग्जाम पहले ही ऑनलाइन शुरू कर चुका है। ऑनलाइन थ्योरी एग्जाम के लिए आरजीपीवी कुलपति प्रो. पीयूष त्रिवेदी की अध्यक्षता में एक कमेटी भी बनी थी। इस कमेटी की दो बैठकें भी हुईं।
इन बैठकों में पेपर फॉरमेट भी तय हो गया था। कुछ कंपनियों ने ऑनलाइन एग्जाम को लेकर प्रेजेंटेशन भी दिया था। अब सारी प्रक्रियाएं ठप हो गई हैं। आरजीपीवी ऑनलाइन थ्योरी एग्जाम नहीं कराने की वजह संसाधनों की कमी बता रहा है। प्रैक्टिकल एग्जाम में फेल हो गए थे छात्र आरजीपीवी द्वारा आयोजित पहले प्रैक्टिकल एग्जाम में करीब 7 हजार छात्र फेल हो गए थे।
इसके चलते ऑनलाइन प्रैक्टिकल एग्जाम का विरोध हुआ। इसके बाद विवि को बीच का रास्ता निकालना पड़ा। अब ऑनलाइन प्रैक्टिकल एग्जाम सिर्फ नाम के लिए हो रहा है। वायवा के लिए होने वाले इस एग्जाम में अगर छात्र जीरो नंबर भी लाएंगे, तब भी फेल नहीं होंगे।
इंजीनियरिंग कॉलेजों के दबाव में ही नियम बदलकर छात्रों को राहत दी गई है। इंजीनियरिंग कॉलेजों की स्थिति खराब इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ाई का स्तर ठीक नहीं है। इससे कॉलेज नहीं चाहते कि एग्जाम ऑनलाइन हो। अगर ऑनलाइन एग्जाम होता है, तो उसमें किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। इसी वजह से आरजीपीवी एग्जाम से पीछे हट रहा है।