नईदिल्ली। गुजरात में पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल के दो पूर्व सहयोगियों चिराग पटेल और केतन पटेल ने एक खुले पत्र के माध्यम से दावा किया कि हार्दिक ने एक नेता के रूप में उभरने की अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए आरक्षण आंदोलन को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया। साथ ही आंदोलन शुरू होने के एक साल के भीतर ही वह करोड़पति बन गया। चिराग और केतन पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) के प्रमुख सदस्य हैं। इन्ही दोनों सदस्यों ने इस पत्र को सार्वजनिक किया।
समिति के नेताओं ने आरोप लगाया कि नेता बनने की आपकी महत्वाकांक्षा, स्वार्थ और धनवान बनने की लालसा ने समुदाय के साथ ही आंदोलन को भारी नुकसान पहुंचाया है। हमारे समुदाय के लोग यह अच्छी तरह जानते हैं कि आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों की मदद के लिए आए चंदे के पैसे से हार्दिक पटेल और उनके चाचा विपुलभाई ने महंगी कारें खरीदीं और अब हार्दिक पटेल व उनके मित्र ऐशोआराम की जिंदगी जी रहे हैं।
दरअसल, हार्दिक पटेल अभी राष्ट्रद्रोह मामले में अदालत से जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर हैं और अदालत के आदेश के मुताबिक अभी 6 महीने गुजरात से बाहर ही रहेंगे। चिराग और केतन ने दावा किया कि जेल में जाने के बाद लोगों के लिए अपनी रोजी रोटी कमाना मुश्किल हो जाता है जबकि आप जेल जाने के बाद करोड़पति बन गए।