भोपाल। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हाल ही में रीवा-सतना के बाढ़ पीड़ितों को मुआवजे का ढांढस बंधाकर आए हैं परंतु हालात यह हैं कि राजधानी भोपाल में महीने भर पहले आई बाढ़ का मुआवजा नहीं बंटा है। करीब ढाई हजार लोग मुआवजे के लिए यहां वहां भटक रहे हैं। भोपाल के कलेक्टर आॅफिस में इन दिनों बाढ़ पीड़ितों की भीड़ हमेशा दिखाई देती है।
रोजाना ऐसे सैकड़ों लोग कलेक्टर ऑफिस में चक्कर लगाते नजर आ रहे हैं जो पिछले महीने हुई भारी बारिश में अपना बहुत कुछ खो चुके हैं लेकिन सरकार की घोषणा के अनुसार उन्हें अब तक मुआवजा नहीं मिला है। राजधानी के करीब ढाई हजार लोगों को बाढ़ राहत राशि नहीं मिल पाई है। लोग अपने खाते नंबरों को लेकर रोजाना जिला कलेक्टर पहुंच रहे हैं लेकिन अभी तक राहत राशि उनके खाते में नहीं पहुंची है। बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन ने अब तक 35 करोड़ रुपये राहत राशि के तौर पर बांटे लेकिन अभी भी सैकड़ों लोग भटक रहे हैं।
हालांकि जिला प्रशासन अपनी गलती मान रहा है और उसका कहना है कि बाढ़ प्रभावितों की डेटा एंट्री करते समय प्रशासन की तकनीकी गलती से बैंक खातों का नंबर या आईएफएससी कोड गलत दर्ज होने से अब तक कई लोगों को राहत राशि नहीं मिल पाई है।
रोजाना बाढ़ प्रभावितों की भीड़ के चलते जिला कलेक्टर निशांत बडवडे ने फिर से बाढ़ प्रभावितों का रिकॉर्ड दुरुस्त करने को कहा है। अब नए सिरे से बाढ़ पीड़ितों के रिकॉर्ड का मिलान किया जा रहा है और उनके डेटा की एंट्री की जा रही है।