माननीय श्री नरेन्द्र मोदीजी,
प्रधानमंत्री, भारत सरकार, नई दिल्ली
विषय- आरक्षण का आधार आर्थिक किये जाने हेतु संविधान-संशोधन एवं पदोन्नति में आरक्षण के बिल को निरस्त किये जाने विषयक।
माननीय महोदय ,
सौभाग्य की बात है कि बहुत समय बाद भारत में आपके कुशल नेतृत्व में पूर्ण बहुमत की केन्द्रीय सरकार विद्यमान है। आपके मेक इन इंडिया व स्वच्छता अभियान जैसी कई योजनाओं का हम पूर्ण समर्थन करते हैं।
माननीय महोदय, जैसा कि आप जानते हैं कि समाज के पिछडे वर्गों के लिये संविधान में मात्र दस वर्षों के लिये आरक्षण की व्यवस्था की गयी थी, किन्तु जातिवादी व निहित कारणों से जाति आधारित आरक्षण की अवधि व क्रीमीलेयर की सीमा को बारंबार बिना समीचीन समीक्षा के बढाया जाता रहा है। आज तक ऐसे आरक्षण प्राप्त डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर, शिक्षक, कर्मचारी किसी ने नहीं कहा कि अब वह दलित या पिछड़ा नहीं रह व उसे जातिगत आरक्षण नहीं चाहिये।इससे सिद्ध होता है कि आरक्षण का आधार पिछड़ा वर्ग या समूह के बजाय जाति किये जाने से कोई लाभ नहीं हुआ।
महोदय, इस जाति आरक्षण का लाभ जहां कुछ खास लोग परिवार समेत पीढी दर पीढी लेते जा रहें हैं वहीं वे इसे निम्नतम स्तर वाले जरूरतमंदों तक भी नहीं पहुंचने दे रहे हैं। ऐसे तबके को वे केवल अपने लाभ हेतु संख्या या गिनती तक ही सीमित कर दे रहे हैं। आरक्षण का आधार जाति किये जाने से सामान्य वर्ग के तमाम निर्धन व जरूरतमंद युवा बेरोजागार व हतोत्साहित हैं, कर्मचारी कुंठित व उत्साहहीन हो रहे हैं।
अत: आपसे निवेदन है कि राष्ट्र के समुत्थान व विकास के लिये संविधान में संशोधन करते हुये आरक्षण का आधार आर्थिक कराने का कष्ट करें, जिससे कि किसी भी जाति-धर्म के असल जरूरतमंद निर्धन व्यक्ति को आरक्षण का लाभ मिलना सुनिश्चित हो सके।
यह आरक्षण एक परिवार से एक ही व्यक्ति, केवल बिना विशेष योगयता / कार्यकुशलता वाली समूह ग व घ की नौकरियों में मूल नियुक्ति के समय ही दिया जाना चाहिये।
आयकर की सीमा में आने वाले व्यक्ति के परिवार को आरक्षण से वंचित किया जाना चाहिये ताकि राष्ट्र के बहुमूल्य संसाधनों का सदुपयोग सुनिश्चित सके।
पदोन्नति में आरक्षण पूर्णत: बंद कराया जाना चाहिये जिससे कि योग्यता, कार्यकुशलता व वरिष्ठता का निरादर न हो।
आशा है कि महोदय राष्ट्र व आमजन के हित में इन सुझावों पर ध्यान देते हुये समुचित कार्यवाही करने व इस हेतु जन जागरण अभियान प्रारंभ कर मुहिम को अंजाम तक पहुंचाने का कष्ट करेंगे।
वन्दे मातरम् | सबका साथ, सबका विकास | जय हिन्द
भवदीय......
समान्य पिछङा एंव अल्पसंख्यक वर्ग का
एक आम आदमी और उसका परिवार