भोपाल। अब तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के लक्झरी कार्यक्रमों पर सरकार पानी की तरह पैसा बहाया करती थी। इसको लेकर कई सवाल भी उठते थे। अब अधिकारियों ने इसका नया तोड़ निकाल लिया है। 14 अगस्त को सीएम हाउस में होने जा रहे स्मार्ट फोन वितरण समारोह के लिए अधिकारियों ने सरकारी कॉलेजों के प्राचार्यों से चंदा मांगा है। प्रत्येक कॉलेज 1 लाख रुपए की मांग की गई है। प्राचार्य ये पैसा कहां से लाएंगे, अफसरों को इससे कोई सरोकार नहीं है।
भोपाल में 14 अगस्त को सीएम शिवराज सिंह चौहान अपनी घोषणा पूरी करने के लिए 2014-15 में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को स्मार्टफोन बांटेंगे। कार्यक्रम का आयोजन सीएम हाउस में होगा। करीब ढाई हजार छात्र शामिल होंगे लेकिन फोटो शिवराज सिंह की छपेगी। मजेदार बात तो यह है कि इस कार्यक्रम का आयोजक कोई भी परंतु प्रायोजक भोपाल के 10 सरकारी कालेजों के प्रिंसिपल्स को बना दिया गया है। बाकायदा मीटिंग बुलाकर प्रिंसिपल्स को बोला गया है कि वो इस कार्यक्रम के लिए 1-1 लाख रुपए का इंतजाम करें।
मौखिक आदेश में यह कहा गया है कि वे जनभागीदारी समिति से इस आयोजन के लिए राशि की व्यवस्था करें लेकिन समस्या यह है कि इस प्रकार के आयोजन के लिए कोई फंड नहीं होता है और न ही दान आदि से कोई राशि मिलती है। छात्र जो फीस जमा करते हैं, इसमें यह राशि रखी जाती है। जब एक वरिष्ठ प्राचार्य ने यह बात रखी तो उन्हें जवाब मिला कि लिखित आदेश जारी नहीं होगा, लेकिन व्यवस्था करना प्राचार्यों की जिम्मेदारी है। अब प्राचार्य भी पसोपेश में है कि जनभागीदारी की मद से अगर राशि देते हैं तो बाद में उन्हें ही कटघरे में न खड़ा कर दिया जाए।