जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने रायसेन के पुलिस अधीक्षक दीपक वर्मा को तलब किया है। उन्हें 24 अगस्त को हाजिर होने के आदेश दिए गए हैं। मामला एक 13 साल की लड़की की 2 बार किडनैपिंग का है। जिन आरोपियों ने उसे पहले किडनेप किया था, उन्हीं ने जेल से छूटते ही दोबारा किडनेप कर लिया है।
गुरुवार को न्यायमूर्ति संजय यादव की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान बंदीप्रत्यक्षीकरण याचिककार्ता रायसेन निवासी मीनाबाई की ओर से अधिवक्ता विकास महावर ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता की बेटी जब महज 13 साल की थी, तब शहर के रसूखदारों ने उसका अपहरण कर लिया था। जब पुलिस ने उसे अपहरणकर्ताओं के चंगुल से आजाद करके पेश किया, तो उसने अपने बयान में दुराचार की बात बताई। जिसके आधार पर किडनैपर्स के खिलाफ अपहरण के अलावा दुराचार की धारा- 376 का अपराध पंजीबद्ध किया गया। इस मामले की ट्रायल के बाद आरोपियों को कारावास हो गया।
जेल से छूटकर फिर किडनैप किया
बहस के दौरान अवगत कराया गया कि रायसेन पुलिस की लापरवाही के कारण आरोपियों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि जेल से छूटते ही उनके द्वारा याचिकाकर्ता की बेटी को फिर से किडनैप कर लिया गया। वर्तमान में भी वह नाबालिग है। आश्चर्य की बात तो यह है कि पुरानी घटना की जानकारी होने के बावजूद पुलिस ने आरोपियों की जमानत अर्जी का अभियोजन के जरिए अदालत में पुरजोर विरोध नहीं कराया।