नईदिल्ली। कश्मीरी नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री उमर अब्दुल्ला को दिल्ली में आवंटित किया गया सरकारी बंगला बड़ी मुश्किल से खाली हो पाया। इस बंगले पर उनसे नाराज चल रहीं उनकी पत्नी पायल का कब्जा था। बंगला खाली कराने के लिए पुलिस गेट तोड़कर अंदर घुसी और बड़ी मुश्किल से उमर की पत्नी पायल को बेदखल किया जा सका।
दिल्ली हाईकोर्ट ने बंगले को खाली करने का आदेश दिया था। इस पर जम्मू कश्मीर सरकार के अधिकारी शाम 4 बजे के करीब बंगला खाली कराने का ऑर्डर लेकर पहुंचे तो इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस(आईटीबीपी) के जवानों ने गेट खोलने से मना कर दिया। इस पर जम्मू कश्मीर के अधिकारी तुगलक रोड थाने गए और मदद करने को कहा।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ”वायरलैस पर मैसेज भेजा गया और आठ इंस्पेक्टर लेवल के अधिकारियों जिनमें दो महिलाओं ओर तीन एसीपी को आने को कहा गया। 15 मिनट के अंदर सभी अधिकारी वहां पहुंच गए।” शाम 5 बजे के करीब पुलिस और जम्मू कश्मीर सरकार के अधिकारी फिर से बंगले पर पहुंचे। एक अधिकारी ने बताया, ”इस्टेट अधिकारी ने आईटीबीपी जवानों के इंचार्ज से गेट खोलने को कहा लेकिन उन्होंने मना कर दिया। इस पर एसीपी ने कहा कि गेट खोलने से इनकार कर आप सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डाल रहे हैं।”
इसी बीच नई दिल्ली म्यूनिसिपल काउंसिल के अधिकारियों ने कारपेंटर को गेट तोड़ने के लिए बुला लिया। कारपेंटर की मदद से साढ़े पांच बजे के करीब एक तरफ का गेट निकाला गया। उस समय पायल अब्दुल्ला बंगले में नहीं थी। वह 5 बजकर 54 मिनट पर वहां पहुंची। इस दौरान उन्होंने मीडिया से कोई बात नहीं की। साढ़े छह बजे उनके वकील अमित खेमका बाहर आए और उन्होंने कहा कि पुलिस सामान बाहर फेंक रही है। साथ ही आरोप लगाया कि पुलिस उनसे दुर्व्यवहार कर रही है। रात में 10 बजकर 20 मिनट पर दो कारों में वह अपना सामाना लेकर चली गईं। 10 बजकर 40 मिनट पर बंगले पर ‘जम्मू कश्मीर सरकार’ नाम से नई नेम प्लेट लगा दी गई।