नई दिल्ली। अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी इन दिनों भारत यात्रा पर हैं। आज उन्होंने दिल्ली के ड्रेनेज सिस्टम पर तंज कस दिया। केरी ने आईआईटी दिल्ली में छात्रों से कहा कि 'आप लोगों को यहां पहुंचने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ा होगा'। केरी छात्रों को संबोधित कर रहे थे और दिल्ली में भारी बारिश चल रही है। अमेरिकी विदेशी मंत्री की इस चुटकी के कई मायने हैं और यह गंभीर विषय है। विदेशों में दिल्ली से ही देश की छवि बनती है। ज्यादातर विदेशी दिल्ली से आकर लौट जाते हैं। अमेरिकी सरकार के विदेशी मंत्री क्या छवि लेकर जाएंगे, यह मंथन का विषय है।
दिल्ली कहने को तो देश की राजधानी है लेकिन थोड़ी देर की बारिश से सड़कें नदियों में तब्दील हो जाती है। यही हाल पूरे एनसीआर का है। बारिश की वजह से दिल्ली एनसीआर के अधिकतर इलाके जलभराव की समस्या आम है और फिर ट्रैफिक जाम से लोग परेशान होते हैं। सालों से चली आ रही यह समस्या आज तक अपने समाधान तक नहीं पहुंच पाई है। कारण जल निकासी की सही व्यवस्था का ना होना। दिल्ली का 100 साल पुराना ड्रेनेज सिस्टम ध्वस्त हो चुका है। नालों, तालाबों के ऊपर अतिक्रमण हो चुका है। और जो नाले बचे हैं वो बरसात के पानी को निकाल पाने में सक्षम नहीं हैं।
ड्रेनेज सिस्टम नाम की कोई व्यवस्था नहीं
दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) के टाउन प्लानर कहते हैं कि दिल्ली एनसीआर में ड्रेनेज सिस्टम नाम की कोई व्यवस्था नहीं रह गई है। वर्षा जल संचयन की ठोस व्यवस्था नहीं है। नाले और सीवर आपस में मिल चुके हैं। शहर में ठोस कचरा प्रबंधन बहुत खराब है। दिल्ली में 22 बड़े नाले हैं। उन नालों में कचरा गिराया जाता है। इसी तरह गुड़गांव में तीन और गाजियाबाद में 4 बड़े नाले हैं जिसमें सीवरेज का पानी भी बिना शोधित किए उन नालों में गिर रहा है। जबकि नालों की क्षमता भी सीमित है।
सड़कों की डिजाइन में भारी खामी
इसके अलावा सड़कों की डिजाइन में भी खामी है। हर दो-तीन साल पर सड़कों का निर्माण किया जाता है। निर्माण से पहले सड़क की पुरानी परत हटाई नहीं जाती, बल्कि उसके ऊपर कंक्रीट व कोलतार की एक नई परत चढ़ा दी जाती है। इसके चलते कई इलाकों में भवन से सड़कें ऊंची हो गई हैं। उदाहरण के लिए आइटीओ पर ही आयकर विभाग के पास सड़क ऊंची है।
ड्रेनेज सिस्टम 100 साल पुराना
दिल्ली का ड्रेनेज सिस्टम 100 साल पुराना है। इतने वर्षो में अनियोजित विकास के चलते सैकड़ों अवैध कॉलोनियां बस गई। शहर का तेजी से फैलाव होता चला गया। उसके मुताबिक ड्रेनेज व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए विस्तृत योजना नहीं बनी। जो पुराने नाले हैं उन पर निर्माण भी हो गया। ऐसे में उनकी सफाई मुश्किल है।