कटनी। मप्र के कटनी जिले में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करने वाले 2 लोगों के नाम फर्जी कंपनियां रजिस्टर्ड की गईं और करोड़ों का लेनदेन हो गया। जबकि दोनों मजदूरों को इसके बारे में कुछ पता ही नहीं है। खुलासा तो तब हुआ जब मजदूर के घर आयकर विभाग का नोटिस आया।
पेशे से इलेक्ट्रीशियन रजनीश तिवारी रोजाना लगभग 200 रुपये कमाते हैं, मगर एक बैंक में उनके नाम का खाता एसके मिनरल्स कंपनी के निदेशक के तौर पर है। इस खाते से वर्ष 2006 से 2010 की अवधि में लगभग 16.93 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है।
इसी तरह एक निजी क्लीनिक में बतौर लैब असिस्टेंट का काम करने वाले उमा दत्त हलदकार का भी एक बैंक में खाता खोला गया है। वह महज चार हजार रुपये प्रति माह कमाते हैं, मगर आयकर विभाग के अनुसार महादेव ट्रेडिंग कंपनी के निदेशक हैं। उनके खाते से लगभग दो करोड़ 27 लाख रुपये का लेन-देन हुआ है।
दोनों की ओर से पुलिस में दी गई शिकायत में कहा गया है कि उन्हें पता ही नहीं है कि वे किसी कंपनी के निदेशक हैं। उन्होंने न तो खाते खोले हैं और उन खातों से हुए लेन-देन की उन्हें जानकारी है। एसपी गौरव तिवारी ने बताया कि उनके पास कुल तीन शिकायतें आई थीं। इनमें से रजनीश व उमा दत्त ने बताया कि उन्होंने तो खाता तक नहीं खुलवाया था। यह रकम कहां से आई, उन्हें पता नहीं है। इन दोनों के खातों से लगभग 20 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है।
तिवारी के अनुसार, ये दोनों व्यक्ति जिन दो कंपनियों के निदेशक बताए गए हैं, उन कंपनियों के दर्शाए गए पतों पर जाकर देखा गया तो ये कंपनियां नहीं मिलीं। इनके खाते किन गवाहों की मदद से खोले गए, यह भी पता किया जा रहा है। खातों में जमा राशि का विभिन्न शहरों में आहरण किया गया है। वहीं कंपनी का कोई अता-पता नहीं है। इससे आशंका इस बात की है कि हवाला भी हो सकता है। पुलिस इस बात की जांच कर रही है।
महाकौशल क्षेत्र का कटनी जिला उन इलाकों में से है, जहां बड़े पैमाने पर खनिज खदानें हैं और वहां अवैध खनन का कारोबार भी जोरों पर है। इस नए खुलासे ने यहां चल रहे फर्जीवाड़े की तरफ इशारा किया है।