ग्वालियर। कृषि विभाग के जैविक कृषि फॉर्म में घोटाला सामने आया है। अधिकारियों ने फाइलों में यहां उड़द की फसल दर्ज कर रखी है जबकि विधानसभा की कृषि विकास समिति मौके पर पहुंची तो वहां घास खड़ी मिली। यह देख समिति के सभापति केदारनाथ शुक्ल भड़क गए और अधिकारियों को जमकर डपट लगाई।
मप्र की मिट्टी और वातावरण के अनुसार किसानों के लिए किस तरह की फसलें लाभदायक होंगी, यह जानने के लिए कृषि विभाग काम करता है। फाइलों में दर्ज रिकार्ड के अनुसार घाटीगांव के महुआखेड़ा स्थित कृषि विभाग के जैविक कृषि फॉर्म में उड़द की फसल लगाकर परीक्षण किया जा रहा था परंतु जब विधानसभा की कृषि विकास समिति के सभापति व वरिष्ठ विधायक केदारनाथ शुक्ल मौके पर पहुंचे तो वहां उड़द थी ही नहीं।
उन्होंने विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों से कड़े शब्दों में नाराजगी जताते हुए कहा कि उड़द तो दिख ही नहीं रही। जहां तक नजर जा रही है वहां घास की दिख रही है। ऐसी लापरवाही से न किसानों को लाभ होगा न सरकार को। अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभाओ। घास की सफाई करो तभी फसल का लाभ मिलेगा।