नईदिल्ली। ओला और उबर जैसी ऐप आधारित टैक्सी सेवाएं अब किसी भी बहाने से किराए में बदलाव नहीं कर सकतीं। अभी तक ये कैब सेवाएं व्यस्त समय में किराया 4 गुना तक कर दिया करतीं थीं। हाईकोर्ट ने फैसला दिया है कि कैब सर्विस सरकार द्वारा निर्धारित किराए से ज्यादा किराया किसी भी सूरत में वसूल नहीं सकतीं। यह आदेश 22 अगस्त 2016 से लागू हो जाएगा।
ओला ने अदालत को बताया कि उसने यात्रियों से अधिसूचित दरों से अधिक किराया लेना पहले ही बंद कर दिया है। तय दरों के मुताबिक, इकोनॉमी रेडियो टैक्सी का किराया 12.50 रुपए प्रति किलोमीटर है जबकि गैर एसी काली-पीली टाप टैक्सी के लिए किराया 14 रुपए प्रति किलोमीटर और एसी वाली काली पीली टाप टैक्सी का किराया 16 रुपए प्रति किलोमीटर है।
रेडियो टैक्सी कैब के लिए अधिसूचित किराया 23 रुपए प्रति किलोमीटर है। अतिरिक्त रात्रि शुल्क (किराए का 25 फीसद) रात 11 बजे से सुबह पांच बजे तक लागू होगा। दाम बढ़ाने के मुद्दे पर गौर करते हुए अदालत ने कहा कि ओला और उबर जैसी टैक्सी सेवाओं ने सार्वजनिक परिवहन पर दबाव को कम किया है लेकिन उनके नियमन के लिए ‘एक समान नीति होनी चाहिए’।
यह निर्देश उस समय आया जब केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील मनीष मोहन और कीर्तिमान सिंह ने कहा कि परिवहन मंत्रालय ने भारत में टैक्सियों को लाइसेंस जारी करने के मुद्दे पर गौर करने के लिए 25 मई 2016 को एक समिति का गठन किया है।