भोपाल। मप्र के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए सरकार ने एक रास्ता निकाला है। स्वास्थ्य सेवाओं में प्रबंधन के काम राज्य प्रशासनिक सेवाओं के अधिकारियों को सौंप दिए जाएंगे एवं डॉक्टर को मरीजों के इलाज के लिए तमाम दूसरी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया जाएगा।
मंत्रालय में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी राज्य प्रशासनिक सेवा के डिप्टी कलेक्टरों को अस्पताल का प्रबंधन सौंपने का प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं। सरकार का तर्क है कि इससे डॉक्टर्स को प्रशासनिक विषयों में अपनी ऊर्जा नहीं खपानी होगी। वे मरीजों के इलाज पर ज्यादा फोकस कर सकेंगे। सरकार ने अस्पताल प्रबंधन के लिए एमबीबीएस के साथ एमबीए पास डॉक्टरों काे यह काम सौंपने पर विचार किया था लेकिन इस अहर्ता के उम्मीदवार नहीं मिलने से सरकार में इस पर सहमति नहीं बन पा रही है।
स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं का प्रबंधन मैनेजमेंट से जुड़े लोगों और डिप्टी कलेक्टर दोनों पर विचार चल रहा है। हालांकि सरकार के स्तर पर अभी इसमें कोई अंतिम निष्कर्ष नहीं निकल सका है।