राजेन्द्र के.गुप्ता/जबलपुर। आईएएस अवार्ड के लिए भेजी गई राप्रसे अधिकारियों की लिस्ट में गड़बड़ी की शिकायत हुई है। इस मामले में केट ने यूपीएससी चेयरमेन और प्रिंसिपल सेक्रेटरी सहित मप्र शासन के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन और स्वास्थ्य मंत्रालय, अपर सचिव स्वास्थ्य को नोटिस जारी किए हैं। शिकायत डॉ. नीरज छारी द्वारा की गई है।
डॉ.छारी ने इस सम्बन्ध में इंदौर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की तो स्वास्थ्य विभाग की अपर सचिव ने उन्हें एक अधूरा पत्र भेज कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली या यू कहे अपने आपको बचाने और जवाब देने की स्थिति बनाने का प्रयास कर लिया। खैर हाईकोर्ट के आदेश के बाद डॉ.छारी ने सोमवार दिनांक 29 अगस्त को जबलपुर स्थित केट (सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेशन ट्रिब्यूनल) में यूपीएससी चेयरमेन, मध्यप्रदेश के चीफ सेक्रेटरी सहित 8 को पार्टी बनाते हुए याचिका दाखिल की। डॉ.छारी की याचिका पर आज दिनांक 30 अगस्त को सुनवाई हुई। डॉ.छारी ने स्वयं ट्रिब्यूनल कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखा। दस्तावेज देख कर और डॉ.छारी का पक्ष सुन कर जज श्री जीपी सिंघल ने नोटिस जारी करते हुए सरकार को 30 दिन के अंदर विस्तृत जवाब पेश करने का और 15 दिन में लघु जवाब पेश करने का आदेश दिया है।
संजय गुप्ता और समिमुद्दीन से अधिक पात्रता डॉ.छारी रखते है उसके बावजूद राज्य शासन ने इन दोनों का नाम आईएएस अवार्ड के लिए भेज दिया इसलिए इन दोनों को भी याचिका में पार्टी बनाया गया है। ज्ञात हो की डॉ.छारी ने धार के सरकारी भोज हॉस्पिटल में ऐसे कई जटिल आपरेशन किए है जो सुविधाओ के आभाव में सामान्यतः डॉक्टर करने से बचते है। इन्ही कारणों से डॉ.छारी को राज्य सरकार मुख्यमंत्री उत्कृष्ठता अवार्ड के साथ कई सम्मानो से सम्मानित कर चुकी है। इस पूरे केस में स्वास्थ्य मंत्रालय में पदस्थ अपर सचिव शैलबाला मार्टिन कटघरे में आ रही है क्योकि वो खुद आईएएस अवार्ड के लिए लाईन में लगी हुई है।
इनको जारी हुए नोटिस
यूपीएससी चेयरमेन और प्रिंसिपल सेक्रेटरी, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन और स्वास्थ्य मंत्रालय, अपर सचिव स्वास्थ्य सभी मप्र संजय गुप्ता, समिमुद्दीन।