
यह था मामला
तीन चार दिन पूर्व इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के कुलपति ने यह आदेश जारी किया था कि विश्वविद्यालय के भीतर वाहन से प्रवेश करने वाले तभी प्रवेश कर पायेंगे जब उनके पास ड्रायविंग लायसेंस होगा, हेलमेट लगाये हुये होंगे अन्यथा इन्हे भीतर प्रवेश नही दिया जायेगा। इसके लिए उन्होने मुख्य द्वार पर तैनात सभी सुरक्षा गार्डो को आदेश दे रखा था। घटना के दिन यही का एक ग्रामीण द्वारिका प्रसाद परस्ते जो पेशे से राजमिस्त्री का कार्य करता है, किसी कार्य से अपनी मोटर सायकिल से विश्वविद्यालय गया था। उस दौरान सुरक्षा गार्ड से इस ग्रामीण की तूतू मैंमैं हुई और सुरक्षा गार्ड ने इसकी मोटर सायकिल को जप्त कर परिसर के भीतर रख लिया और इसके साथ मारपीट भी की थी।
पांच घंटे लगा जाम, पहुंचा प्रशासन
लगभग पांच घंटे व्यतीत हो जाने से लग चुके जाम मे फंसे विश्वविद्यालय मे आने जाने वाले लोगो सहित सेंट्रल स्कूल के बच्चे सहित अन्य लोगो का बुरा हाल हो रहा था। मामले की गंभीरता व संवेदनशीलता को देखते हुये मौके पर पहुंचे एडिशनल एसपी मुकेश वैश्य, एसडीएम पुष्पराजगढ़ शिवगोविंद मरकाम, थाना प्रभारी राजेन्द्रग्राम, अनूपपुर, अमरकंटक दल बल के साथ स्थिति पर नियंत्रण बनाने मे जुटे देखे गये।
माफी मांगे प्रबंधन
धरने मे बैठे आक्रोशित ग्रामीणो ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय प्रबंधन से ग्रामीणो के सामने आकर माफी मांगने की मांग पर डटे रहे। जबकि प्रबंधन द्वारा उक्त ग्रामीण की जपत मोटर सायकिल उसे दे दी गई थी। प्रबंधन की हठधर्मिता के कारण लगभग पांच घंटो तक लगे जाम मे फंसे बच्चे व अन्य लोग काफी परेशान देखे गये। इधर प्रशासन व पुलिस हर संभव स्थिति पर नियंत्रण बनाये हुये थी।
जाम से निकाले गये स्कूली बच्चे
काफी मशक्कत के बाद प्रशासन व पुलिस ने जाम मे फंसे स्कूली बच्चो को किसी प्रकार से निकालकर घर भेजा गया और जाम को हटाने का प्रयास करते देखे गये। ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे तो प्रबंधन अपने बनाये नियमो पर अडिग रहा।