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सुरेंद्रन के बयान से एक दिन पहले ही पीडब्ल्यूडी मंत्री जी सुधाकरण ने कहा था कि सरकारी कार्यक्रमों में दीप जलाने और धार्मिक गीत गाने की परंपरा से बचना चाहिए। उन्होंने कहा था, ”हमारे संविधान का कोई धर्म या जाति नहीं है। इसलिए सरकारी कार्यक्रमों में दीप जलाने की जरुरत नहीं है।” मंत्री ने कहा था कि ऐसे कार्यक्रमों में देशभक्ति वाले गीत गाने चाहिए। इससे पहले पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने फेसबुक पोस्ट के जरिए सरकारी अधिकारियों से कहा था कि वे ओणम के मौके पर फूलों के कारपेट न बनाएं।
भाजपा ने इन बयानों पर कड़ा रुख अपनाया है। भाजपा के राज्य महासचिव एमटी रमेश ने कहा कि इन आपत्तियों ने राज्य सरकार के हिंदू विरोधी चेहरे को उजागर कर दिया है। सीपीएम को भारतीय संस्कृति का विरोध करने से बचना चाहिए। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष कुमानम राजशेखरन ने कहा कि मंत्री सुधाकरण का दीप जलाने और प्रार्थना पर आपत्ति करना सीपीएम के सांस्कृतिक फासिस्टवाद को दिखाता है। भविष्य में सीपीएम घरों में प्रार्थना न करने को भी कह सकती है।