अहमदाबाद। पति ने यदि अपने लिए महंगी एसयूवी खरीदी है तो उसे अपनी पत्नी को भी कम से कम सेडान कार तो दिलानी ही होगी। यह फैसला अहमदाबाद हाईकार्ट ने सुनाया है। फैसले का लाभ तलाकशुदा या फिर पति से अलग रह रहीं पत्नियों को मिलेगा। एक पत्नी ने गुजारा भत्ता मांगने के लिए याचिका दायर की थी, जिस पर हाईकोर्ट ने अफना फैसा सुनाया है।
ये मामला सूरत के एक व्यापारी का था। व्यापारी ने पत्नी से तलाक ले लिया था। फैमिली कोर्ट ने पति को हर महीने पत्नी को 30 हजार रुपये और दोनों बच्चों को 10-10 हजार रुपये देने का निर्देश दिया था, क्योंकि पति की मासिक आमदनी 1.25 लाख है। पति ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की।
पति ने हाईकोर्ट में दलील दी कि उसकी आमदनी काफी कम है। उन्होंने CRPC की धारा 125 के बारे में बताते हुए 500 रुपये गुजारा भत्ते का जिक्र किया। जस्टिस एस.जी शाह ने कानून में संशोधन के आधार पर उनकी ये दलील खारिज कर दी और कहा कि विवाहित जोड़े की आमदनी के आधार पर भत्ते की रकम तय होती है।
पति ने कोर्ट में माना कि उसके पास कई महंगी कारें हैं। पति के पास एक मर्सेडीज बेंज, स्कोडा, कोरोला इसके एक फैक्ट्री, बंगला है। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अगर पति मर्सेडीज बेंज जैसे कारें रख सकता है। तो बच्चे और पत्नी न भी मांगे तब भी उन्हें आने-जाने के लिए छोटी कार देने का अधिकार तो उन्हें है ही।