
अजाक्स के प्रवक्ता विजय शंकर श्रवण ने बताया कि पदोन्न्ति में आरक्षण खत्म होने से अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के सामने संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने बताया कि दलित समाज के करीब डेढ़ लाख युवा रोजी-रोटी की मांग को लेकर राजधानी आ रहे हैं। यहां सम्मेलन के बाद मुख्यमंत्री को पदोन्न्ति में आरक्षण के नियम फिर से बनाने की मांग का ज्ञापन सौंपा जाएगा। श्रवण ने कहा कि अजाक्स कोई शक्ति प्रदर्शन नहीं कर रहा है। यह आरक्षित वर्ग के हक की लड़ाई है, जिसमें अजाक्स भी शामिल है।
अभियान के तहत पूरे प्रदेश में प्रदर्शन
श्रवण ने बताया कि 'युवा रोजी-रोटी बचाओ" अभियान के तहत पूरे प्रदेश में प्रदर्शन होंगे। वहीं अजाक्स का 'जागो समाज जागो" अभियान पहले से चल रहा है। अभियान के तहत अजाक्स के पदाधिकारी तहसील और ब्लॉक मुख्यालयों पर प्रदर्शन और सभा आयोजित कर रहे हैं।
इसके माध्यम से दलित समाज को पदोन्न्ति में आरक्षण खत्म होने के दुष्प्रभाव बताए जा रहे हैं। साथ ही इस लड़ाई में बढ़-चढ़कर शामिल होने की अपील की जा रही है। उल्लेखनीय है कि सामान्य, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक अधिकारी-कर्मचारी संघ (सपाक्स) प्रदेश के 50 जिलों में रैलियां निकाल चुका है। संघ रैली के माध्यम से पदोन्न्ति में आरक्षण के खिलाफ काम कर रहा है।
युवाओं को गुमराह कर रहे अजाक्स वाले
अजाक्स और अन्य सहयोगी संगठन युवा वर्ग को गुमराह कर रहे हैं। पदोन्न्ति में आरक्षण का नियम फिर से बन भी जाता है तो समाज के सिर्फ उन दो फीसदी परिवारों को लाभ मिलेगा, जिनके सदस्य सरकारी नौकरी में हैं। गरीब परिवारों को तो नौकरी ही नहीं मिल रही है। इनकी कौन-सी नीति से उस समाज के युवाओं को लाभ हुआ है। इससे अच्छा तो अजाक्स युवाओं की समस्याओं के समाधान और रोजगार के साधन बढ़ाने के लिए काम करे।
डॉ. आनंद कुशवाह, अध्यक्ष, सपाक्स