
बीमार बच्चे रात के वक्त सड़क पर चले जा रहे थे कि तभी समाजसेवी अनुराग तिवारी वहां से गुजरे। उन्होंने बच्चों को देखा तो अपनी बाइक रोकी और पूरी बात पूछी। इसके बाद उन्होंने अपनी बाइक से सभी बच्चों को अस्पताल पहुंचाया। बीमार बच्चों की उम्र 8 से 15 वर्ष के बीच है।
बता दें कि इस छात्रावास में छात्रों के साथ अमानवीय हरकतों के आरोप पहले भी लगते रहे हैं। 2015 में एक छात्रा की रहस्मयी मौत की खबरें भी आईं थीं।