रामबिहारी पाण्डेय/सीधी। यहां से नाबालिग बच्चों की तस्करी का मामला सामने आया है। तस्कर कर ले जाए जा रहे 2 बच्चों की मौत हो गई जबकि 8 वापस आ गए। अभी भी दर्जनों बच्चे मुंबई में फंसे हुए हैं। मृत बच्चों में से एक का शव उसके गांव पहुंच गया है लेकिन दूसरे शव के लिए परिजन महाराष्ट्र मे जद्दोजहद कर रहे हैं। समाचार लिखे जाने तक दूसरा शव मुंबई से रवाना नही किया जा सका था। बच्चों की मजदूरों की मौत किन कारणों से हुई इस बात की पुष्टि नही हो सकी है।
मिली जानकारी अनुसार टिकरी परासी गांवो मे शिवराज कुशवाहा पिता लालमन कुशवाहा निवासी पडख़ुरी पहुंच कर गरीबों के नाबालिग बच्चों को मुंबई एवं गुजरात मे अच्छा काम दिलाने का लालच देकर ले जाता है। जहां उनसे बंधुआ मजदूरी करवाई जाती है। 31 अगस्त को परासी टिकरी गांव के आठ मजदूरों को काम दिलाने के लिये लेकर गया था। जिन्हे मुंबई के केपा सिटी इन्फा प्रोजेक्ट लिमिटेड मे मजदूर से काम कराया जा रहा था।
अभी मजदूर 15 दिन भी काम नही कर पाये थे की बाल मजदूरों मे बृजेश रावत पिता लल्लू रावत उम्र लगभग 16 साल व लाला कोल पिता चंदू कोल निवासी परासी की हालत बिगड़ गई। ब्रजेश को ट्रेन में सवार कर वापस भेजा गया, लेकिन इटारसी में ही उसकी मौत हो गई। अभी उसका अंतिम संस्कार भी नही हो सका था की लाला कोल की मौत की खबर आ गई। अब पूरे गांव मे मातम का माहौल निर्मित हो गया है।