
इस बात की पुष्टि यहां जिला चिकित्सालय में दस्त की वजह से बेटे को भर्ती कराके उपचार करा रही पातालगढ की महिला प्रेम बाई आदिवासी बता रही है। प्रेमबाई के मुताबिक पातालगढ निवासी गुड्डु आदिवासी की दो साल की बेटी करीब एक सप्ताह पूर्व कमजोरी के चलते दम तोड़ गई। इसके मुताबिक गांव में और भी बच्चे हैं, जिनको दस्त आदि की शिकायत बनी हुई है।बताया गया है कि भोंटूपुरा निवासी पप्पू आदिवासी के बेटे और बेटी की तबियत मंगलवार को ज्यादा खराब हो गई। बुखार, उल्टी दस्त की ज्यादा शिकायत होने पर भोंटूपुरा के सरपंच प्रमोद आदिवासी के साथ पप्पू आदिवासी अपने बेटे और बेटी को लेकर कराहल अस्पताल पहुंचा। जहां पर उसके बेटे छोटू डेढसाल की दौराने उपचार करीब दोपहर के 2 बजे मौत हो गई।
इसके बाद पप्पू जहां बेटे के शव को लेकर वापस कराहल के लिए चला गया।वहीं सरपंच प्रमोद पप्पू की ज्यादा गंभीर बेटी प्रीती ८ माह को श्योपुर जिला चिकित्सालय उपचार के लिए ले आया। जहां से शाम को वह प्रीती को आराम पढने के बाद वापस लौट गया।
मुआवजे के नाम पर राशनकार्ड दे रहे हैं अधिकारी
18 बच्चों की मौत से सुर्खियों में आए गोलीपुरा गांव में आज 5 दिन बाद जिला प्रशासन के अधिकारी पहुंचे। यहां पर कलेक्टर पीएल सोलंकी ने जहां ग्रामीणों से बातचीत कर स्थितियों की जानकारी की। वहीं मौतों से सहमें सभी 173 परिवारों को महज 7 दिन के भीतर गरीबी रेखा के राशन कार्ड बनाकर देने की बात कहते हुए ढांढस बंधाने का प्रयास किया। आज गोलीपुरा के 23 बच्चों को डॉक्टर ने देखा है। विजयपुर में अभी 2 बच्चे भर्ती हैं, जबकि 10 एनआईसी में भर्ती बने हुए हैं।
भैंरोंपुरा में भी दो की मौत
जिला चिकित्सालय में बच्चे को उपचार कराने के लिए लाई भैंरोपुरा की रेखाबाई की माने तो उनके गांव में भी अभी कई लोग बीमार हैं और अगस्त माह की शुरूआत के दिनों के दौरान गांव में दो बच्चों की मौत भी हुई। हालांकि वह जान गंवाने वाले दोनों बच्चों के नाम नहीं बता पा रही है। रेखा बाई का बेटा पलंग न 51 पर भर्ती है और उसको भी डायरिया की शिकायत है।