
45 वर्षीय एक गरीब महिला अपनी मां के साथ फरियाद लेकर कलेक्टर के पास पहुंची थी। शारीरिक विकास पूरी तरह नहीं होने की वजह से न तो इस महिला की ऊंचाई बढ़ी और न ही उम्र के हिसाब से उसका वजन बढ़ा। शारीरिक दिक्कतों की वजह से उम्र के इस पड़ाव पर पहुंचने के बाद भी वह अपनी बूढ़ी मां के कंधों पर सवार होकर सफर करने को मजबूर है। ऐसी महिला की गुहार सुनकर कलेक्टर का दिल पसीज गया।
इस महिला की चाहत बस इतनी थी कि उसे अब ठीक से दिखाई नहीं देता। इस वजह से कलेक्टर एक चश्मा बनाने में उसकी मदद कर दें। कलेक्टर स्वाति मीणा ने तुरंत निजी तौर पर इस महिला को पांच हजार रुपए की मदद की। साथ ही खाद्य विभाग को 24 घंटे के भीतर मां और बेटी का राशन कार्ड बनाने के निर्देश दिए। कलेक्टर की इस पहल पर मां और बेटी खुशी-खुशी जनसुनवाई से घर के लिए रवाना हुए।