
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शाह की मीटिंग से पहले कुछ पाटीदार नेताओं को हिरासत में लिया गया था। लेकिन इसके बावजूद कुछ नाराज लोगों ने 'अमित शाह गो बैक' और ‘हार्दिक-हार्दिक’ नारेबाजी की। सभा में आए कुछ लोगों को भी हंगामा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पाटीदार सम्मान समिति ने पटेल-पाटीदार कम्युनिटी से ताल्लुक रखने वाले विधायकों और मंत्रियों के लिए यह प्रोग्राम रखा था।
अमित शाह की चाल उन्हीं पर उल्टी पड़ी
राजनैतिक कानाफूसी में कहा जाता है कि गुजरात में अमित शाह की मर्जी के बगैर आनंदीबेन के सीएम बन जाने के बाद अमित शाह ने ही पाटीदार आंदोलन को हवा दी थी। इस आंदोलन के जरिए उन्होंने आनंदीबेन के कुर्सी पहले हिलाई और फिर आनंदीबेन को गिराने में भी सफल रहे परंतु अब पाटीदार आंदोलन उनके नियंत्रण से बाहर हो चुका है। इस कार्यक्रम के जरिए वो यह जताना चाहते थे कि पाटीदार समुदाय उनके साथ है, परंतु जो हुआ वो बिल्कुल उलट ही था।