मुंबई। जब कोई आपकी संवेदनाओं को जगाकर आपसे वोट ले और फिर खुद असंवेदनशील हो जाए तो कैसा फील होता है। कुछ ऐसा ही महसूस किया पालघर जिले के आदिवासियों ने। यहां कुपोषण से मौत जब सुर्खियां बन गई तो मंत्री विष्णु सावरा दौरे पर आए। ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया। सवाल किए तो मंत्रीजी झुंझला गए, बहस करने लगे और वापस लौट गए।
जनजातीय विकास मंत्री सावरा शोक संतप्त परिवार से मिलने मोखदा तालुका के खोच गांव गए थे। अपने बच्चे की मौत से दुखी महिला का गुस्सा फूट पड़ा। सावरा पालघर जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं। महिला ने सावरा से सवाल किया कि उस समय आप कहां थे जब मेरे बेटे की मौत हुई। आप 15 दिनों के बाद आए हैं। मैं आपसे मिलना नहीं चाहती।
लोगों ने मंत्रीजी से सवाल किया कि साल 2016 में ही गांव के 600 बच्चों की मौत हो गर्इ है और सरकार ने क्या किया। इसके जवाब में सावरा ने कहा कि तो क्या... सरकार सभी योजनाएं और स्कीमें लागू कर रही है और क्या करें।
आदिवासी बहुल तालुके में कुपोषण की समस्या को दूर करने में प्रशासन की ‘‘नाकामी’’ को अन्य ग्रामीणों ने भी अपनी नाराजगी जतायी। यह तालुका मुंबई से बहुत दूर नहीं है। यहां मंत्री और ग्रामीणों के बीच बहस हुई। ग्रामीण शांत नहीं हुए तो मंत्रीजी वापस लौट गए।