नदिया। पश्चिम बंगाल में हरिनघाटा थाना अंतर्गत कालीतला स्थित एक मकान में मां के शव के साथ पिछले करीब आठ माह से उनके दो बेटों के रहने की स्तब्ध करने वाली घटना सामने आई है, जिसने पिछले साल हुए बहुचर्चित रॉबिंसन स्ट्रीट कंकाल कांड की भयावह यादें फिर से ताजा कर दी हैं।
मृतका का नाम ननीबाला साहा (82) है। उनके दोनों बेटे अरुण साहा (63) और अजीत साहा (52) उनके साथ एक ही मकान में रहते थे। अरुण और अजीत दोनों ही अविवाहित थे। पड़ोस में रहने वाली सविताब्रत शील ने बताया कि मोहल्ले के लोगों ने पिछले कुछ समय से ननीबाला साहा को नहीं देखा था। दोनों भाइयों की गतिविधियां भी संदेहजनक थीं। वे अपने घर के सामने किसी को खड़ा नहीं होने देते थे।
अगर कोई उनके घर के सामने खड़ा हो जाता था तो दोनों दुत्कार कर उसे भगा देते थे। वे अपना ज्यादातर समय घर में ही बिताते थे। इसे लेकर मोहल्लेवालों को संदेह था। इसदिन वे जबरदस्ती उनके घर में घुसे। उन्होंने देखा कि ननीबाला के कमरे में अंधेरा है।
मोबाइल की टॉर्च लाइट जलाकर वे इधर-उधर उस वृद्धा को ढूंढने लगे। उन्होंने पाया कि एक चौकी पर उनका शव काले कपड़े से ढंका हुआ था। शव सड़-गलकर कंकाल में तब्दील होने की अवस्था में पहुंच गया है। इस बात की सूचना हरिनघाटा थाने को दी गई।
मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और पूछताछ के लिए दोनों भाइयों को थाने ले जाया गया। इस घटना के बारे में अरुण से पूछने पर उसने बताया कि उसकी मां की मौत इस साल 16 जनवरी को हुई। उस समय बहुत ठंड थी। उन्होंने सोचा कि दो-तीन दिन बाद मां की अंत्येष्टि करेंगे। कुछ दिनों बाद उन्होंने देखा कि मां के शव पर सफेद कीड़े रेंग रहे थे, इसलिए उन्होंने अंतिम संस्कार नही किया।