
याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि पुलिस प्रशासन की ओर से बकरों का मंदिर में प्रवेश रोक दिया जाता है। इससे परंपरा का निर्वाह नहीं हो पा रहा है। याचिकाकर्ता ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के पूर्व के आदेश का अनुपालन करने को तैयार हैं, जिसमें सार्वजनिक स्थान पर बलि पर रोक लगाकर स्लाटर हाउस में बलि देने का उल्लेख है।
वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीके बिष्ट व न्यायाधीश न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की खंडपीठ ने जनहित याचिका निस्तारित करते हुए बकरे को पूजा के लिए मंदिर में ले जाने की अनुमति प्रदान कर दी।
प्रशासन अलर्ट बनाई ये व्यवस्था
नंदा देवी महोत्सव के दौरान नयना देवी परिसर में पूजा के लिए बकरा ले जाने की अनुमति देने संबंधी हाई कोर्ट के आदेश के क्रियान्वयन को लेकर जिला और पुलिस प्रशासन सजग हो गया है। तय किया गया है कि मंदिर में एक ही गेट से बकरे की एंट्री होगी।
इस दौरान बकरे को टोकन सिस्टम से अंदर व बाहर ले जाया जाएगा। बकरे लाने वाले से आईडी भी ली जायेगी। इस दौरान ठंडी सड़क से मंदिर आने वाले रास्ते से बकरा लाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पालिका की ओर से बकरा ले जाने को विशेष रास्ता तैयार होगा, जिसमें सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
पुलिस श्रद्धालुओं की कतार में बकरा लाने वाले पर खास नजर रखेगी। बकरा लाने वाले को पहचान पत्र साथ लाना होगा। डीएम दीपक रावत, एसएसपी स्वीटी अग्रवाल ने मंदिर ट्रष्ट व मेला आयोजक श्रीराम सेवक सभा से आदेश के अनुपालन में सहयोग की अपील की।
बैठक में ए डीएम आरडी पालीवाल व् बीएल फिरमाल, एसडीएम वंदना सिंह, मुकेश जोशी, एसपी सिटी हरीश सती, सीवीओ पीसी कांडपाल, ईओ रोहिताश शर्मा, भीम सिंह कार्की आदि मौजूद थे।