
इसके लिए बाकायदा विस्फोट विशेषज्ञ को बुलाया गया और करीब ढाई घंटे की मशक्कत के बाद 178 वर्गमीटर में बनी इमारत चंद सेकंड में धराशाई हो गई। बताया जाता है कि यह इमारत एक भाजपा नेता के बेटे की है। कार्रवाई के दौरान वे विरोध करने भी पहुंचे थे, लेकिन पुलिसबल की मौजूदगी में कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
नगर निगम अमला सुबह 10 बजे ही भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गया था। इसकी सूचना मिलते ही भवन मालिक सिद्धार्थ मलिक और उनके पिता श्याम सुंदर मलिक पहुंच गए। साथ ही निगम के अपर आयुक्त एमपी सिंह और सिटी प्लानर सुनीता सिंह को बिल्डिंग से संबंधित दस्तावेज दिखाने लगे, लेकिन अफसरों ने कहा कि इसे तोड़ने के आदेश हो चुके हैं।