
मारे गए जेई के पिता कमलाकर वराठे ने मीडिया को बताया कि 10 अगस्त को उनके बेटे कमलाकर वराठे के साथ बिजली उपभोक्ता संतोष विश्वकर्मा और निहाल विश्वकर्मा ने चांदबढ़ स्थित बिजली कार्यालय में मारपीट की थी। इस मारपीट के कारण उनके बच्चे की जान चली गई।
बिना अनुमति पोस्टमार्टम कैसे हो गया
लखनराव वराठे का आरोप है कि बिजली विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों ने बिना उनकी अनुमति लिए कमलाकर वराठे का पोस्टमॉर्टम करवा दिया। लखनराव वराठे का कहना है कि पिछले 10 अगस्त को उनके दूसरे बेटे दिवाकर वराठे को बिजली स्टॉफ द्वारा फोन किया गया कि आपका भाई सीरियस है, उसे हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह खबर सुनकर दिवाकर वराठे साकेत नगर से दोपहर दो बजे निकला और ढाई बजे तक हमीदिया अस्पताल पहुंच गया। वहां पहुंचकर जेई सिद्दीकी द्वारा बताया गया कि उनका भाई कमलाकर वराठे मर चुका है। इस पर दिवाकर ने कहा कि मेरे भाई की बाडी दिखाओ, तो जेई सिद्दीकी ने कहा कि अभी बाडी नहीं मिल सकती, बाडी का पोस्टमॉर्टम चल रहा है। इस पर दिवाकर वराठे ने कहा कि परिवार की अनुमति के बिना पोस्टमॉर्टम नहीं हो सकता। दिवाकर वराठे का आरोप था कि लावारिस बाडी का भी इंतजार किया जाता है और मैं तो अस्पताल पहुंच गया हूं तो पोस्टमॉर्टम कराने की इतनी जल्दी क्या थी। इस पर जेई सिद्दीकी द्वारा कहा गया कि यह एक सरकारी केस है, डिपार्टमेंट को अधिकार है पोस्टमॉर्टम कराने का।
लावारिस लाश के लिए भी इंतजार का नियम है
लखनराव वराठे का कहना है कि यह एक नियम है कि जब तक मृतक के परिजन साइन करके परमिशन न दें, तब तक बाडी का पोस्टमॉर्टम नहीं किया जा सकता। लखनराव वराठे का कहना है कि अपने बेटे के अंतिम संस्कार कार्यक्रम करके बीस दिनों बाद उन्होंने सभी आॅफिशियल कार्रवाई करने के लिए सभी संबंधित कार्यालयों में आवेदन दिया।
MD में आॅफिस में स्टाफ से पिटवाया
जब वह एमडी विवेक पोरेवाल से मुलाकात करने के लिए पहुंचे, तो उन्हें कहा गया कि एमडी पोरेवाल आॅफिशियल टूर पर हैं। मंगलवार 7 सितंबर को वह मध्यप्रदेश मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के एमडी विवेक पोरेवाल से मिलने अशोका गार्डन स्थित बिजली कार्यालय पहुंचे। वहां पहुंचकर एमडी द्वारा उन्हें मिलने के लिए अपने कैबिन में बुलाया गया। लखनराव वराठे का कहना है कि जब उन्होंने बिना परिजनों की अनुमति लिए उनके बेटे का पोस्टमॉर्टम कराए जाने की बात एमडी पोरेवाल से की, तो एमडी पोरेवाल ने उनके साथ बदतमीजी करते हुए कहा कि ‘मैं यहां का इंचार्ज हूं, मैं कुछ भी कर सकता हूं’। बदतमीजी करने के बाद एमडी पोरेवाल ने अपने स्टॉफ को बुलाया और उन्हें कैंबिन से बाहर निकालने को कहा। लखनराव वराठे का आरोप है कि कैबिन से बाहर निकालते समय बिजली कर्मचारियों ने उनके साथ मारपीट की। इस दौरान खीचातानी में उनके कपड़े भी फाड़ दिए गए।
पुलिस पर दवाब बनाया, नहीं लिखी FIR
लखनराव वराठे का कहना है कि उनके साथ हुई मारपीट की शिकायत करने लिए वह अशोका गार्डन थाने पहुंचे, तो उनके पीछे-पीछे बिजली विभाग के कुछ अधिकारी भी थाने पहुंच गए। पुलिस ने उनका शिकायती आवेदन तो लिया, लेकिन एमडी विवेक पोरेवाल और उनके स्टॉफ के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की।
आमरण अनशन की चेतावनी
लखनराव वराठे ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की है कि उनके बेटे कमलाकर वराठे के हत्याकांड की निष्पक्ष सीबीआई जांच कराई जाए और एमडी विवेक पोरेवाल और उनके स्टॉफ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कमलाकर वराठे के पोस्टमॉर्टम फार्म पर साइन करने वालों पर धारा 120 बी की कार्रवाई की जाए। लखनराव वराठे का कहना है कि यदि तीन दिनों के अंदर इस मामले के अंदर कार्रवाई करने के आदेश जारी नहीं किए तो वह अपने परिवार के साथ आमरण अनशन पर बैठेंगे।