
रजिस्ट्रार बुधवार की सुबह 9 बजे ऋषि गालव कॉलेज जा पहुंचे। उन्होंने गेट पर खड़े चौकीदार से पूछा कि क्या छात्र नकल करते हैं। चौकीदार रजिस्ट्रार को पहचान नहीं सका इसलिए वह तपाक से बोला कि इसमें पूछने की क्या बात है। आप पहली बार आ रहे हो क्या?। रजिस्ट्रार चुप रह गए और अंदर प्रवेश कर गए।
उन्हें एक शिक्षक (पर्यवेक्षक) ने दूसरे कक्ष से देख लिया और वहीं से खड़े होकर जोर से बोला- अरे रजिस्ट्रार साहब, आप अकेले, कहां से आ रहे हैं। पर्यवेक्षक ने इतनी जोर से आवाज लगाई कि सभी छात्र सतर्क हो गए और नकल की पर्चियां किसी ने छिपा लीं तो किसी ने तुरंत बाहर फेंक दीं। रजिस्ट्रार ने शिक्षक से भी नकल के बारे में पूछा तो उसने भी स्वीकार कर लिया।
नकल न कराएं तो संचालक धमकाते हैं
रजिस्ट्रार चूंकि अचानक ही अकले वहां पहुंचे थे, इसलिए छात्रों की तलाशी नहीं ली लेकिन वे प्रत्येक कक्ष में घूमे। छात्र उन्हें देखकर छत की ओर निहारने लगे। सभी की कलम बंद हो गई। इससे साफ था कि केन्द्र पर धड़ल्ले से नकल चल रही थी। रजिस्ट्रार ने पर्यवेक्षकों को फटकार लगाते हुए कहा कि यह स्थिति ठीक नहीं है। किसी शिक्षक ने कहा कि सर नकल न कराएं तो छात्र और कॉलेज संचालक धमकाते हैं। इस पर रजिस्ट्रार ने कहा कि यदि ऐसा है तो पुलिस व प्रशासन को अवगत क्यों नहीं कराते। इस पर वे निरुत्तर हो गए।