
एआईजीएफ ने दलील दी है कि क्रिकेट को छोड़ दिया जाए तो फंड की कमी से लगभग हर खेल महासंघ जूझ रहा है। वैध सट्टेबाजी से होने वाली आय देश में खेलों के विकास में काम आ सकती है। एआईजीएफ ऐसा गैर मुनाफा संगठन है, जो देश में अवैध सट्टेबाजी रोकने का काम करता है और इसे रोकने के लिए सरकारों से अनुरोध करता है।
इससे पहले भी क्रिकेट में सट्टेबाजी को वैध करने की मांग उठती रही है। दलील देने वालों का तर्क है कि यह जुआ नहीं है, यह तकनीक को समझकर दांव लगाने का खेल है। इसमें भाग्य भरोसे कुछ नहीं होता बल्कि काफी सारे केल्कुलेशन लगाने पड़ते हैं अत: इसे जुआ के तहत अवैध नहीं माना जाना चाहिए।