
दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष पर जारी किए गए एक विज्ञापन में दीनदयाल उपाध्याय की जयंती को उनकी पुण्यतिथि बता दिया। ये विज्ञापन एक बड़े प्रतिष्ठित अखबार में जारी हुआ। इसी के साथ शिवराज सरकार और अखबार दोनों की जमकर किरकिरी हो रही है। लोग सवाल कर रहे हैं कि भाजपा जिनके सिद्धांतों पर चलने की बात करती है और एकात्मवाद के प्रणेता को भाजपा का मूलमंत्र बताती है, भाजपा को अपने ही पितृ पुरुष की जन्म और मृत्यु तिथी का फर्क मालूम नहीं है।
इस विज्ञापन की खास बात ये है कि इस विज्ञापन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संदेश उनके हस्ताक्षर के साथ भी छपा हुआ है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितम्बर 1916 को हुआ था और उनकी मृत्यु 11 फरवरी 1968 को हुई थी।