
मेरी लड़ाई पार्टी चलाने वालों से
सिद्धू बादल परिवार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा, 'पंजाब में एक ही परिवार मुनाफा कमा रहा है। राज्य में परिवारवाद की सरकार है। अब तो काले बादल चीरकर सूरज निकलना चाहिए।' उन्होंने नाम लिए बिना बीजेपी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि कोई भी पार्टी अच्छी या बुरी नहीं होती। अच्छे-बुरे पार्टी चलाने वाले होते हैं और मेरी लड़ाई पार्टी चलाने वालों से ही है।
इस मोर्चे में सिद्धू के साथ भारतीय हाकी टीम के पूर्व कप्तान और अकाली दल से निलंबित विधायक पगरट सिंह भी शामिल हैं। पंजाब में AAP के संयोजक पद से हटाए गए सुच्चा सिंह छोटेपुर भी गुरुवार को 'आवाज-ए-पंजाब' में शामिल हो सकते हैं।
शुक्रवार को सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने फेसबुक पर आवाज-ए-पंजाब का पोस्टर शेयर कर उनके आम आदमी पार्टी में शामिल होने की अटकलों पर पूरी तरह विराम लगा दिया था। नए मोर्चे में परगट के अलावा दो अन्य निर्दलीय विधायक बलविंदर सिंह बैंस और सिमरजीत सिंह बैंस भी हैं।
विधानसभा चुनाव लड़ेगा सिद्धू का मोर्चा
सिद्धू का यह मोर्चा पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में उतरेगा। पंजाब में 117 विधानसभा सीटों पर अगले साल जनवरी या फरवरी की शुरुआत में होने चुनाव होने की संभावना है।
लुधियाना में बैंस बंधुओं की अच्छी पकड़
पिछले 18 जुलाई को सिद्धू ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफे के बाद उनके आम आदमी पार्टी में जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन ये अटकलें सही साबित नहीं हुईं। तीन साल पहले अकाली दल के शीर्ष नेतृत्व के साथ बैंस बंधुओं की अनबन हो गई थी। लुधियाना जिले में इनका अच्छा प्रभाव है। परगट सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण अकाली दल ने निलंबित कर दिया था।