
सेना में उच्च स्तर की शारीरिक फिटनेस का हवाला देते हुए सेना मुख्यालय ने अपने आतंरिक पत्र में नाराजगी जाहिर की है। पत्र के अनुसार बार-बार निर्देश और सलाह दिए जाने के बावजूद सेना में मोटापा बढ़ता जा रहा है। इससे सेना की तैयारी में कमी और सैनिकों में बढ़ती बीमारियों से सेना के प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है। यहीं नहीं फौजी वर्दी में मोटे जवानों के दिखने से सेना को सार्वजनिक शर्मिदगी का सामना करना पड़ रहा है।
जवानों के असली वजन को दर्ज किया जाये
ऐसे में मोटापे पर लगाम लगाने के लिए कई उपाए आजमाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में जवानों की सालाना गोपनीय रिपोर्ट तैयार करने वाले अधिकारी को जवानों के असली वजन को दर्ज करने को कहा गया है। इसके साथ ही ओवर वेट जवानों, जिनका वजन मान्य वजन से 10 फीसदी तक ज्यादा है को मेडिकल जांच के लिए भेजने को कहा गया है। पत्र में कड़े लहजे में कहा गया है कि ओवर वेट जवान के साथ-साथ उन्हें नजरअंदाज करने वाले सीनियर अधिकारियों की भी जवाबदेही तय की जाएगी।
पुरस्कार और मेडल पाने के लिए मोटापा कम करना जरूरी
इसके अलावा सेना मुख्यालय से साफ किया है कि सैनिकों और अधिकारियों को उनके उत्कृष्ट सेवा के लिए पुरस्कार या मेडल तभी दिए जाएंगे जब वे पूरी तरह से फिट होंगे। मोटे लोगों को मेडल से सम्मानित नहीं किया जाएगा। इसके अलावा समारोहों में सिर्फ फिट सैनिकों को ही एस्कॉर्ट या अन्य प्रमुख दायित्व देने का फरमान सुनाया गया है। यही नहीं जवानों और अधिकारियों की एसीआर में अब सामने और बगल से तस्वीरें भी दर्ज की जाएंगी।