
जब मीडिया ने संवैधानिक पद पर होने का हवाला देते हुए सवाल किया तो राघवेन्द्र ने कहा कि, मैंने लॉ में पीएचडी किया है कानून जानता हूं। जानकारों की माने तो अर्द्धन्यायिक संस्था, आयोगों और संवैधानिक पदों पर बैठा व्यक्ति न तो राजनीतिक पार्टी के कार्यालय जा सकता है और न ही किसी राजनीतिक कार्यक्रम में भाग ले सकता है।
संवैधानिक गरिमा की धज्जियां उड़ाने वाले राघवेन्द्र शर्मा के मामले में बीजेपी की बचाव की मुद्रा में आ गई है। प्रदेश बीजेपी महामंत्री वीडी शर्मा ने कहा है कि पार्टी की कार्यक्रम नहीं था, मीसाबंदियों के लोकतंत्र सेनानी संघ ने कार्यक्रम का आयोजन किया था। संघ ने पार्टी मुख्यालय के सभागार का इस्तेमाल किया। बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष राघवेन्द्र शर्मा के पहले राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष लता वानखेड़े भी प्रदेश बीजेपी मुख्यालय में पार्टी की बैठकों में शामिल हो चुकी हैं।