
18 सितंबर को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति युवा संघ के बैनर तले बैकलॉग के खाली पदों को भरने की मांग को लेकर दलित छात्र राजधानी में इकट्ठा हुए थे। छात्रों की भीड़ के कारण राजधानी में चक्का जाम के हालात बन गए थे। छात्रों को सड़क से हटाने की कोशिश में छात्रों और पुलिस के बीच तनाव के हालात बन गए थे और पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज कर दिया था। लाठीचार्ज से नाराज राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति युवा संघ और दूसरे दलित संगठनों ने आपत्ति जाहिर की थी और पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की थी।
दमनकारी है पुलिस का रवैया
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति युवा संघ के प्रभारी तोरन सिंह अहिरवार ने कहा है कि पुलिस के इस दमनकारी रवैए की शिकायत राज्यपाल, मुख्यमंत्री, सीएस, डीजीपी और मानव अधिकार आयोग में की गयी है। निर्दोष छात्रों पर जिस तरह से लाठियां बरसायी गईं उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। तोरन सिंह का कहना है कि एक छात्र संगठन रैली करता है तो खुद मंत्री उनके मंच पर पहुंचते हैं और घोषणाएं करते हैं और दूसरे छात्र जब जायज मांग करते हैं तो उन्हें लाठियों से मारा जाता है।
इकट्ठा होंगे दलित छात्र
संघ ने घोषणा की है कि नंबवर महीने में एक बार फिर भोपाल में दलित युवा एकत्रित होकर अपनी ताकत का एहसास सरकार को कराएंगे। संघ ने दावा किया है कि इस रैली में पांच लाख दलित युवा हिस्सा लेंगे। ये रैली बैकलॉग पदों पर भर्ती कराने और पदोन्नति में आरक्षण नियम बनाने की मांग को लेकर की जाएगी।