
आंबेडकर पार्क में अध्यापकों की सभा का आयोजन हुआ। इसके बाद तिरंगा रैली निकाली जानी थी परंतु पुलिस ने इस कोशिश को ही नाकाम कर दिया। अध्यापक नेताओं को पार्क के बाहर नहीं निकलने दिया। कुछ अध्यापक आक्रोशित भी हुए और पुलिस से जा उलझे लेकिन नेताओं ने पार्क में ही परिक्रमा कर रैली की औपचारिकता पूरी कर ली।
पिछले 21 साल से अध्यापक नेताओं के कमजोर इरादे लगातार अध्यापकों को नुक्सान पहुंचाते आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर क्रांति की बातें करने वाले जब सामने पुलिस के हाथ में लाठियां देखते हैं तो सबकुछ भूल जाते हैं। इसके अलावा भी अध्यापक नेताओं के कई प्रकार के लालच और सामर्थ्य की कमी के कारण आंदोलन को नुक्सान होता आया है। देखते हैं इस बार क्या कुछ हो पाता है।