
खास बात ये थी कि दो साल बाद जन्मदिन पर मां से मुलाकात करने वाले मोदी इस दौरान प्रधानमंत्री के रूप में नहीं एक साधारण पुत्र के रूप में उपस्थित थे। इस दौरान न कोई तामझाम न कोई सुरक्षा का भारी भरकम बंदोबस्त और न प्रधानमंत्री के साथ चलने वाला गाड़ियों का वो लंबा काफिला।
उनका दौरा कितना साधारण था इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बिना काफिले के मात्र एक गाड़ी से ही वह अपनी मां हीराबेन से मिलने अपने भाई पंकज मोदी के आवास पहुंचे। इस दौरान उनके साथ गिनती के सुरक्षाकर्मी थे। दूसरी ओर मोदी के आने की सूचना मिलते ही पडोस में रहने वाले लोग अपने अपने घरों से निकल आए। उन्होंने घर के बाहर से ही प्रधानमंत्री मोदी का अभिवादन किया।