![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgc3NOLpD0GwndJSsM1UCoXtRrMoPjHFRWeZimjOCkpLXfS8uLwhyYw74DnQ7AsUEHljKuVpWs2cOG3loF4HoTYwf3KXmXGUIEvGKp1gPMUT0M7zTr7Yv0n6Q7W7zqN7uAq-rkzZImrM3c/s1600/55.png)
सबसे पहले लोक सेवा आयोग से नियुक्त 700 डॉक्टरों को तीन महीने की एलोपैथी ट्रेनिंग के बाद 72 दवाएं लिखने की अनुमति मिलेगी। इस दौरान उन्हें जिला अस्पतालों में क्लीनिकल ट्रेनिंग के साथ ही एलोपैथी फार्माकोलाजी की ट्रेनिंग मेडिकल कॉलेज के टीचर देंगे। 13 सितंबर ये यह ट्रेनिंग भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन व रीवा के जिला अस्पतालों में दी जाएगी।
आयुष दवाएं लिखने को लेकर बनी कमेटी के एक सदस्य ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग व आयुष विभाग ने 72 दवाएं लिखने को हरी झंडी दे दी है। अब प्रस्ताव कैबिनेट में जाएगा। इसके बाद मप्र मेडिकल काउंसिल को भी अपने नियमों में बदलाव करना होगा। वजह, एमसीआई के नियमों के अनुसार डॉक्टर का जिस पैथी में रजिस्ट्रेशन है व उसी में इलाज कर सकता है। ऐसे में आयुष डॉक्टर एलोपैथी दवा लिखते हैं तो एमसीआई के नियमों का उल्लंघन होगा।