
वहीं कोर्ट ने कहा कि यदि कोई वैधानिक अड़चन न हो तो भुगतान में देरी न की जाए। यदि समय के भीतर भुगतान नहीं होता तो वास्तविक भुगतान किये जाने तक ब्याज का भुगतान किया जाए। ब्याज का भुगतान राज्य सरकार करेगी तथा वह संबंधित लापरवाह कर्मी से इसकी वसूली कर सकती है।
यह आदेश न्यायमूर्ति पी.के.एस.बघेल ने झांसी के योगेंद्र सिंह व दो अन्य की याचिका पर दिया है। याची के पिता किशन चौधरी समाज कल्याण विभाग झांसी में सहायक विकास अधिकारी पद पर तैनात थे। 26 साल की सेवा के बाद उनकी मौत हो गई थी।