श्योपुर। कुपोषण के कारण यहां हुईं 40 मौतों को सरकार ने मजाक बना दिया। कहते हैं एक महिला दूसरी महिला की पीड़ा को अच्छी तरह से समझती है परंतु यदि महिला आईएएस अफसर हो तो शायद यह मान्यता काम नहीं करती। सोमवार को यहां आईं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव गोरी सिंह एवं महिला बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव जेएन कंसोटिया ने मातम में डूबी आदिवासी महिलाओं को लोकगीत सुनाने के लिए कहा। आनंद लिया और चली गईं।
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से बीमारी एवं कुपोषण से मौतों को लेकर श्योपुर से लेकर राजधानी तक बवाल मचा है। ऐसे में सरकार के निर्देश पर विभागीय प्रमुख सचिवों को श्योपुर का दौरा करने का आदेश दिया गया। इसके बाद अफसरों की टीम वनांचल के गांव सेसईपुरा पहुंची।
यहां चौपाल लगाई गई, जिसमें ग्रामीणों से समस्याएं तो पूछी गईं, लेकिन बीमारी से कितनी मौतें हुई हैं। इस बारे में किसी भी अफसर ने ग्रामीणों से कोई सवाल नहीं किया। हद तो तब हो गई जब अफसरों ने मातम में डूबी आदिवासी महिलाओं से लोकदेवता रामदेवजी के भजन सुनाने की फरमाइश कर दी। गम में डूबी महिलाओं ने भजन सुनाया। अफसरों ने भजन सुना और फिर चले गए।