
श्री मिश्रा ने इस कार्यवाही के बाद राजनैतिक दबाववश स्थानीय एएसपी, टीआई एक एसआई और दो एएसआई के विरूद्व की गई निलंबन की कार्यवाही एवं उनके खिलाफ धारा 307 के तहत प्रकरण दर्ज किये जाने को भी एक खतरनाक संकेत निरूपित किया है। उन्होंने शासन से जानना चाहा है कि गृह मंत्रालय राज्य सरकार के अधीन है या आरएसएस के?
आज यहां जारी अपने बयान में श्री मिश्रा ने कहा कि संघ परिवार के दबाव में ही एक ऐसा खेल सरकार ने गत 20 जुलाई, 16 को रायसेन के दीवानगंज में हुए साम्प्रदायिक तनाव के बाद भी खेला था, जिसके तहत जिले के थाना प्रभारी से लेकर एसडीओपी, एसपी और आईजी के खिलाफ राजनैतिक दबाववश कार्यवाही की गई, निश्चित तौर पर कानून-व्यवस्था को लेकर ईमानदारी से अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ ऐसी कार्यवाहियां उनके मनोबल को तोड़ रही हैं।
इन स्थितियों को जहां सख्त और अपने कर्तव्यों को समर्पित अधिकारी अपने आत्मसम्मान से जोड़ रहे हैं, वहीं यह संकेत सरकार की चापलूसी कर रहे उन पुलिस अधिकारियों के लिए भी एक सबक साबित होगा जो अपने कर्तव्यों से प्रतिकूल होकर मात्र अपने पदों पर बने रहने के लिए भ्रष्ट और दोयम दर्जे के चरित्र को दर्शाते हुए संघ अथवा भाजपा के कार्यकर्ता बनकर काम कर रहे हैं। कांग्रेस उनसे इस चेतावनी के साथ आग्रह करना चाहेगी कि वे संघ और भाजपाई स्वयंसेवक बनने की अपेक्षा आम नागरिक और अपने विभागीय कर्तव्यों के प्रति अपनी-अपनी भूमिकाओं का निर्वहन करें।