भोपाल। बात बात पर कार्यकर्ताओं को नोटिस थमाने वाले भाजपा केे प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान की शक्तियां सीमित कर दी गईं हैं। अब वो किसी भी नेता या कार्यकर्ता को नोटिस नहीं थमा पाएंगे। केवल नसीहत दे सकेंगे। एक प्रकार से यह कहें कि हाईकमान ने नंदकुमार सिंह चौहान को प्रदेश अध्यक्ष पद का धर्म बता दिया है।
सूत्रों की माने तो आज प्रदेश कार्यालय में भाजपा प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंदकुमार सिंह के बीच एकांत में करीब 1 घंटे चर्चा हुई। नंदकुमार सिंह इस बात से नाराज थे कि कैलाश विजयवर्गीय, इंदौर भाजपा विधायक सुदर्शन गुप्ता, शहडोल के भाजपा जिलाध्यक्ष अनुपम अनुराग अवस्थी और नरसिंहपुर विधायक कैलाश जाटव प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा सरकार पर हमला कर रहे हैं।
सहस्त्रबुद्धे ने चौहान को बताया कि हाईकमान चाहता है कि आप बात बात पर उग्र होने वाला स्वभाव त्याग दें। नेताओं को भोपाल बुलाकर उनसे बात करें और उनसे इस मामले पर अपनी ओर से मीडिया में सफाई देने को कहें ताकि भ्रम की स्थिति न बनें। कुल मिलाकर नंदकुमार सिंह चौहान को उनके दायरे समझा दिए गए हैं। यह भी समझा दिया गया है कि भाजपा केवल किसी एक व्यक्ति तक सीमित नहीं है। उसके हितों का ध्यान रखने के फेर में संगठन का नुक्सान नहीं किया जा सकता। देखना यह है कि नंदूभैया को हाईकमान से मिली यह नसीहत कब तक याद रहती है।