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रेलवे पुलिस के मुताबिक सुबह करीब 10 बजे प्लेटफार्म नंबर 4 पर एक बच्ची अकेली रो रही थी। उसके पास ही एक झोला रखा था। वह ठीक से अपना नाम तक नहीं बता पा रही थी। बाद में पुलिस ने झोला खंगाला, तो उसमें से किसी राजेंद्र हलवाई का विजिटिंग कार्ड मिला। उसमें लिखे नंबर पर फोन लगाने पर राजेंद्र ने बताया कि बताए गए हुलिए की बच्ची उसके पास काम करने वाले राजू हलवाई की है। वह कोलार रोड स्थित गेहूंखेड़ा में रहता है। इस आधार पर पुलिस ने राजू को तलाश लिया।
पूछताछ में उसने बताया कि कुछ माह पहले उसकी बेटी को घर के पास सुअर ने काट लिया था। तब से वह बीमार रहती है। मोहल्ले में रहने वाली सविता (परिवर्तित नाम) ने बताया था कि वह छिंदवाड़ा में बच्ची का इलाज करवा देगी। भरोसा होने पर उसने सविता को इलाज कराने के लिए बच्ची को सौंप दिया था। वह रविवार को बच्ची को लेकर घर से छिंदवाड़ा जाने के लिए निकल गई थी।
इस बीच सविता भी थाने पहुंच गई। पूछताछ में पता चला कि सविता को शराब पीने की लत है। वह बच्ची को प्लेटफार्म पर छोड़कर शराब पीने चली गई थी। जब वह वापस लौटी तो बच्ची नहीं मिली, तो वह आसपास उसे ढूंढ रही थी। थाना प्रभारी डीके जोशी ने बताया कि परिजनों द्वारा बच्ची से संबंधित प्रमाण दिखाने पर माासूम को उनके हवाले कर दिया। साथ ही भविष्य में इस तरह की लापरवाही न करने की नसीहत भी दी।