जबलपुर। मध्ययप्रदेश हाईकोर्ट ने पंचायत मंत्री का वो आदेश रद्द कर दिया जिसमें भ्रष्टाचारियों को बचाने का प्रयास किया गया था जबकि लोकायुक्त की जांच रिपोर्ट में भ्रष्टाचार प्रमाणित हो रहा था। मंत्री के इस मनमाने आदेश को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया।
न्यायमूर्ति संजय यादव की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता मनसुख चौरसिया की ओर से अधिवक्ता डीआर शर्मा, सरिता कोष्टी व अंजली सावलानी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि ग्राम पंचायत लालपुर तहसील अमर पाटन जिला सतना में पदस्थ तत्कालीन सरपंच दद्दु चौरसिया और सचिव बुद्घसेन पाठक ने मिलकर शासकीय राशि 1699931 रुपए का गबन किया था। जिसकी शिकायत पर कलेक्टर ने कार्रवाई की। यही नहीं लोकायुक्त में भी प्रकरण कायम हो गया।
इसी बीच कमिश्नर रीवा के समक्ष कलेक्टर सतना के आदेश के खिलाफ अपील कर दी गई। अपील में राहत न मिलने पर मामला पंचायत मंत्री के समक्ष पहुंचा। पंचायत मंत्री ने पूरे मामले पर गौर न करते हुए मनमाने तरीके से आदेश पारित कर दिया। जिसके खिलाफ हाईकोर्ट की शरण ली गई। याचिकाकर्ता का आरोप है कि पंचायत मंत्री ने लोकायुक्त की ओर से प्रस्तुत निष्कर्ष का अध्ययन किए बगैर भ्रष्टाचारियों के बचाव की कोशिश की है।