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पं. धर्मेंद्र शास्त्री के अनुसार भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर गणेश जी का जन्म मध्यान्ह में हुआ था। इस कारण इनकी प्रतिमा स्थापना व पूजा दोपहर के समय करने का विधान है। इस बार चतुर्थी पर सुबह 7.58 से अशुभ माना जाने वाला भद्रा योग है, जो रात 9. 4 बजे तक रहेगा, परंतु रवि योग के कारण ये कुयोग समाप्त हो जाएंगे। चतुर्थी व रवियोग के संयोग में भूमि, भवन, वाहन व ज्वेलरी आदि की खरीद-फरोख्त करना भी समृद्धिदायी होगा। पं. विष्णु राजोरिया का कहना है कि मिट्टी के गणेश की प्रतिमा स्थापना करना ही शास्त्र सम्मत है।
स्थापना सोमवार को
सोमवार को पूजा-अर्चना के साथ दस दिवसीय गणेशोत्सव का शुभारंभ होगा। शहर में करीब एक हजार स्थानों पर सजाए जा रहे झांकी पंडालों में गणेश प्रतिमाओं की स्थापना होगी। पुराने शहर के पीपल चौक में भोपाल के राजा के नाम से चांदी के सिंहासन पर ऋद्धि-सिद्धि के साथ गणेश प्रतिमा की स्थापना की जाएंगी। झांकी को कई क्विंटल पुष्पों से सजाया जाएगा।