
उसने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि 'पापा मैं बहुत परेशान हो गया हूं, ये सब मुझमें बताने की हिम्मत नहीं है, इसलिए लिखकर जा रहा हूं। पिछले 10-15 दिन से कॉलेज में मेरे साथ मारपीट और दुर्व्यवहार हो रहा है। कॉलेज के कुछ लड़के जो मेरे सीनियर है, मेरे साथ रैगिंग करते हैं। 5 सितम्बर को टीचर्स डे सेलिब्रेशन के दिन सुबह साढ़े 10 बजे प्रिंसिपल का भाषण चल रहा था, उस समय 8-10 लड़के मुझे उठाकर बाहर ले गए और मुझसे कहने लगे कि टीचर्स के सम्मान में अपनी पैंट-शर्ट उतारो। मैंने डर के मारे शर्ट उतार दी तो वो पेंट भी उतारने को बोलने लगे, मैंने पैंट उतारने से मना किया तो जमकर मारपीट की, जिससे मेरे नाक-मुंह से खून आने लगा। इसी बीच कॉलेज के दो सर ने बीच बचाव किया। मैं बहुत डर गया था, इसलिए सीधे छत्रीपुरा थाने पर चला गया, वहां पूरी घटना बताई।'
पुलिस वाले मेरे साथ कॉलेज गए, जिन्हें देखकर वो सब लड़के भाग गए। इसी बीच प्रिंसिपल सर को पुलिस वालों ने पूरी घटना से अवगत कराया तो प्रिंसिपल सर ने मुझे समझाया रिपोर्ट मत करो, कॉलेज की बदनामी होगी। मैं उन लडकों को 10-12 चांटे मारूंगा और अपना मोबाइल नंबर दिया और बोले कि कुछ भी बात हो तो मुझे बताना। मैं सब को ठीक कर दूंगा। पुलिस वाले बार-बार मुझे रिपोर्ट करने के लिए बोल रहे थे, लेकिन प्रिंसिपल की वजह से मैंने मना कर दिया और अपने घर आ गया।
पापा मेरे कान से कुछ सुनाई नहीं आ रहा है, मारपीट की वजह से मेरा मन किसी चीज में नहीं लग रहा था, फिर भी मैं डरते-डरते कॉलेज पहुंचा। कॉलेज के पहले ही मुझे उन लडकों ने फिर से घेर लिया और मुझे फिर से मारा कि तू रिपोर्ट करने गया था, पुलिस हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकती और तेरी इच्छा हो तो प्रिंसिपल को भी बोल दे। मैंने जब प्रिंसिपल को फोन लगाया तो उन्होंने फोन काट दिया। इस बात पर उन लडकों को गुस्सा आ गया, इस बीच एक लड़के ने जो कि सिगरेट पी रहा था, मुझे सिगरेट पीने को कहा, जब मैंने कहा कि मैं सिगरेट नहीं पीता तो मेरे साथ फिर से मारपीट की और 4-5 लडकों ने मेरे हाथ पैर और सिर के बाल पकड़ लिए।
उन लडकों ने मेरी पीठ पर जगह-जगह सिगरेट जलाया। पापा मैं बहुत डर गया चूका हूं, आपके मना करने के बाद भी मैंने उस कॉलेज में एडमिशन लिया, मुझे नहीं पता था कि कॉलेज में इतनी गुंडागर्दी होती है। इस जन्म में आपके सपनों को पूरा नहीं कर पाऊंगा। पापा मुझे माफ़ कर देना आपका प्यारा बेटा-शिवम।
सुसाइड नोट लिखने के बाद छात्र राज मोहल्ला अपने घर से अपनी जान देने के लिए रेलवे स्टेशन चला गया, जहां अपनी जान देने से पहले उसने अपने चाचा को कॉल किया। उनकी समझाइश पर उसने अपनी जान नहीं दी और मौके पर पहुंचे उसके चाचा उसे लेकर मल्हारगंज थाने पहुंचे।
घर से बेटे के चले जाने के बाद परिजनों को उसका लेटर मिला था, जिसके बाद परिजन माहेश्वरी कॉलेज पहुंचे, जहां प्रिंसिपल को पूरी जानकारी दी। इस पूरे मामले की जानकारी होने की बात कॉलेज के प्रिंसिपल राजीव कुमार झालानी ने भी कबूल की लेकिन वह इसे रैगिंग मानने से इनकार कर रहे हैं। उसके जान देने जाने की बात से प्रिंसिपल ने इनकार कर दिया। रेलवे स्टेशन से मल्हारगंज थाने लौटे कुंदन की शिकायत पर पुलिस ने दोषी छात्रों के खिलाफ मारपीट का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।