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पति की झूठी शिकायत करने वाली पत्नी को तलाक देना उचित: हाईकोर्ट

नईदिल्ली। यदि कोई पत्नी अपने पति की झूठी शिकायत करती है तो यह मानसिक क्रूरता की श्रेणी में आता है और ऐसी पत्नी को तलाक दिया जाना उचित होगा। यह निर्णय हाईकोर्ट ने दिया है। मामले में पीड़ित पति एक शासकीय सेवक था और पत्नी ने उसके अधिकारी के पास जाकर अपने पति की झूठी शिकायत की थी। 

न्यायमूर्ति प्रदीप नंदराज योग व न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी की खंडपीठ ने एक तलाक के मामले में पत्नी की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने पारिवारिक अदालत द्वारा मानसिक क्रूरता के आधार पर दिए तलाक को चुनौती दी थी। खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में साबित हो गया कि पत्नी अपने पारिवारिक विवाद को लेकर पहले अपने पति के ऑफिस उसके बॉस के पास गई। वहां उसने झूठी शिकायत ही नहीं बल्कि पति के सहयोगियों के सामने उसे नीचे दिखाया, हंगामा किया।

झूठी शिकायतों के कारण अवसाद में चला गया पति
इसके बाद भी वह बॉस के घर गई और वहां भी उनके समक्ष रोई व हंगामा किया। खंडपीठ ने कहा कि सरकारी कर्मचारी से अपेक्षा की जाती है कि वह अपने जीवन में उचित आचरण रखे। यदि ऐसा नहीं होता है तो असर उसकी सर्विस पर पड़ता है। 

इस मामले में पत्नी की झूठी शिकायतों के कारण पति अवसाद में चला गया और बदनामी के कारण नौकरी तक छोड़ दी। बॉस को झूठी शिकायत व हंगामा दोनों तथ्य ही मानसिक क्रूरता है। यह तलाक का ठोस आधार है।

उनकी नजर में पारिवारिक अदालत ने तलाक आवेदन स्वीकार कर उचित निर्णय किया है। अदालत ने पत्नी के उन सभी आरोपों को खारिज कर दिया कि पति अधिक शराब पीता था और ड्रग्स लेकर उसे मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित करता था। अदालत ने कहा कि वह कोई भी आरोप साबित नहीं कर पाई बल्कि उसके वकील ने भी माना है कि विवाह किसी भी बिंदु पर सफल नहीं हुआ।

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