ईद के अवसर पर काजी साहब से मिलते हुए श्री पीसी शर्मा |
भोपाल। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पीसी शर्मा इन दिनों विवादों में चल रहे हैं। कल ही निगम के नेताप्रतिपक्ष मो. सगीर ने कहा था कि पीसी शर्मा ने कांग्रेस को बर्बाद कर दिया। आज पीसी शर्मा का एक विवादित बयान सामने आया है। उन्होंने ईद के अवसर पर कहा कि जो कुर्बानी देते हैं, उनका देश/समाज में उच्च स्थान रहता है। गणेशजी की भी कुर्बानी हुई थी, इसलिए वो प्रथम पूज्य हुए।
सोशल मीडिया पर श्री शर्मा के इस बयान की तीखी आलोचना की जा रही है। हिंदू धर्मांवलम्बी पीसी शर्मा के इस बयान को ईद के अवसर पर होने वाले बकरे की कुर्बानी से जोड़कर देख रहे हैं और इसी अनुसार प्रतिक्रिया दी जा रही है। भोपाल समाचार से बात करते हुए पीसी शर्मा ने कहा कि उनका आशय यह नहीं था। मैने कहा था कि 'जो देश के लिए, धर्म के लिए, समाज के लिए जो कुर्बान होते हैं, उनका समाज में उच्च स्थान रहता है। यह हमारी गंगा जमुनी तहजीब है कि गणेश उत्सव भी चल रहा है और ईद भी मन रही है। इसी तरह भगवान गणेश का जो प्रार्धुभाव हुआ, पार्वती जी ने उन्हें चौकीदार के रुप में बिठाया था कि कोई भी आए तो उसका रोकना, तो शिवजी को रोक दिया। तो उनका वध हुआ। उन्होंने मां के आदेश पर बलिदान दिया, कुर्बानी दी, मां के आदेश पर जान गंवा दी तो उनको बहुत पूजा गया।' श्री शर्मा ने कहा कि 'माहौल ऐसा था कि उर्दू का शब्द आ गया लेकिन भाव ऐसा नहीं था।'
इस संदर्भ में आचार्य अशोक का कहना है कि पीसी शर्मा को धर्म और धर्मकथाओं का ज्ञान नहीं था। भगवान शिव ने श्रीगणेश का वध नहीं किया था। वो एक दुर्घटना थी। वध दुष्टात्माओं का किया जाता है और दूसरा यह कि वो इस घटना के कारण नहीं बल्कि बुद्धि के देवता होने के कारण प्रथम पूज्य है। ईद के अवसर पर जबकि बकरों की कुर्बानी दी गई है, श्रीगणेश जी के इस प्रसंग का उल्लेख करना कतई उचित नहीं था।