सिहोरा/जबलपुर। यहां नाले पर बने एक पैदल पुल के ऊपर ही प्रसव हो गया। जब तक आसपास के ग्रामीण कुछ मदद कर पाते नवजात शिशु की सांसें थम चुकी थीं। यदि इस नाले पर पैदल पुल के बजाए कोई पुलिया होती जिससे बाइक निकल सकती तो शायद यह हादसा ना होता। मामला जबलपुर के ग्राम सिलूआ पडरिया का है।
ग्राम सिलूआ पडरिया में रहने वाले संतोष चक्रवर्ती की पत्नी संगीता चक्रवर्ती को शुक्रवार सुबह 09 बजे अचानक पेट में तेज दर्द शुरू हो गया। गांव में कोई स्वास्थ केंद्र ना होने के कारण प्रसूता के पति ने एक बाइक का सहारा लिया और अपनी पत्नी को बाइक पर बैठाकर गांव से बाहर निकाला लेकिन रास्ते में बने नाले पर पैदलपुल होने के कारण बाइक नहीं निकल सकी। प्रसूता को पैदल चलते हुए इस इस पुल को पार करना था। जैसे ही वह नाले के बीच पहुंची, प्रसव पीड़ा तेज हो गई और वहीं पर उसने एक नवजात शिशु को जन्म दिया। प्रसव की खबर जैसे ही गांव कि अन्य महिलाओं को लगी वो तुरंत चादर लेकर प्रसूता के पास पंहुची और उसे उठाकर घर ले आई लेकिन तब तक नवजात बच्चे कि सांसे थम चुकी थी।
रास्ते पर बिल्डर का कब्ज़ा
जबलपुर के ग्राम सिलूआ पडरिया में ग्रामीणों को आने जाने का एक रास्ता है लेकिन जिसे शहर के जाने माने राजुल बिल्डर ने उस पर कब्जा कर लिया है। ऐसे में लोग जान जोखिम में डालकर नाले पर बने बहुत पुराने पैदल पुल से आते जाते हैं। यह भी पैदल पुल नहीं है बल्कि पानी को रोकने के लिए बांधी गई पार है। रास्ते पर कब्जा होने के कारण यहां कई मौतों हो चुकीं हैं।